मन में बसे है दो ही नाम सीताराम सीताराम

मन में बसे हैदो ही नाम सीताराम सीताराम पूछो मेरे तन मन सेबँधे हो प्रीत के बंधन से प्राण हो तेरी दृष्टि मेंभूल नही हो अँखियाँ से देव पुरुष में तेरा नामसीताराम सीताराम मन में बसे है दो ही नामसीताराम सीताराम झूठे तन को जोड़ दियाटूटे मन को जोड़ दिया इतनी ताक़त जाग छोड़ दियासबसे … Read more