मन नेकी करले दो दिन का मेहमान
मन नेकी करले, दो दिन का मेहमान,मन नेकी करले, दो दिन का मेहमान।। मात पिता तेरा कुटम्ब कबीला ,दो दिन का रल मिल का मेला,अंत समय उठ चले अकेला ,तज माया मंडान।। मन नेकी करले, दो दिन का मेहमान,मन नेकी करले, दो दिन का मेहमान।। कहासे आया कहा जायेगा ,तन छुटे तब कहा समायेगाआखिर तुझको … Read more