कईया रूस्या हो थे म्हासु म्हारा श्याम

कईया रूस्या हो थे म्हासु म्हारा श्याम,मनाऊं थाने श्याम धणी था बिन लागे नाही,मनड़ो म्हारो श्याम मनाऊं थाने श्याम धणी।। जद सु आयी चौखट थारी दर्शन पायी श्याम,काज हुया सगळा गरीब का हो गया सारा काम,बांह पकड़ले म्हारी आके म्हारा श्याम,मनाऊं थाने श्याम धणी कईया रूस्यां हो थे,म्हासु म्हारा श्याम मनाऊं थाने श्याम धणी।। मत … Read more