माता के दोहे – माता मूरत प्रेम की

माता मूरत प्रेम कीसूची सुभासनी धीरसभ्या सुशील सुधकनीहारे जगत की पीरओ दीपक हारे जगत की पीर।। माता मूरत प्रेम कीसूची सुभासनी धीरसभ्या सुशील सुधकनीहारे जगत की पीरओ दीपक हारे जगत की पीर।। घट घट का जल पियाबुझी ना मन की प्यासमाँ चरणों में हुआजन्नत का आभासओ भैया जन्नत का आभास।। कोई रोज़ा व्रत रखेया निर्जल … Read more