मेरा क्या कसूर मैया करदिया क्यो मुझे अपने से दूर
मेरा क्या कसूर मैयाकरदिया क्यो मुझे अपने से दूर।। सुबह शाम करता हू भक्ति तुम्हारीतेरे दर आओ कैसे यही है लाचारी।। सोचता हू हाए मैं बड़ा बदनसीब हूधन दौलत नही मैं तो ग़रीब हू।। दिन में फेर दे तो अवँगा ज़रूरकरदिया क्यो मुझे अपने से दूर।। पता नही कैसा होगा मैया तेरा द्वारादेखु एक बार … Read more