म्हारा बाबा शीश का दानीजी
मिश्री चड़ाउ पान चड़ाउलगाऊं भोग मैं छप्पन थारेज्योत जलाऊ इत्र चड़ाउकरू श्रृंगार मैं न्यारे न्यारेआओ बाबा मैंने दिखाओ मुखडो थारो जी।। बात ना थी कोणी छनि जीसुनलो दुखडो म्हारा भीदुखडो म्हारा भी दुखडो म्हारा भीम्हारा बाबा शीश का दानीजीसब भक्त री सुनली देखो म्हारा कानि भीम्हारी कानि भी संवारा म्हारी कानि भी।। म्हारा बाबा शीश … Read more