मोहन है मेरा और मैं हूँ घनश्याम की
मोहन है मेरा और मैं हूँ घनश्याम की,बिना गिरधर के ये जान किस काम की ,मोहन है मेरा और मैं हूँ घनश्याम की सुबह शाम दिन रात मोहन तेरे नाम की माला भाजू मैं,पद में घुंगरू बाँध लिए और झूम झूम के नाचू मैं,छा गई मस्ती एसी तेरी मुरली की तान की,मोहन है मेरा और … Read more