मुझे उज्जैन में मर जाने दो

खिल खिलाती हुई कली मिल जाएफ़ितरत भी संदली मिल जाएउसकी किश्मत का क्या ठिकानाजिसको उज्जैन की गली मिल जाए दीवानो के रेले मेंसावन के ये मेले मेंदिन कितने सुहाने थेखुश सारे दीवाने थे जब ख़तम हुआ मेलाआँखो में नामी आईभोले से बिछड़ने कीजिस वक़्त घड़ी आईजिस वक़्त घड़ी आई रोता था मचलताचौखट पे ताड़पता थाबाबा … Read more