नगरी हो वृन्दावन सी गोकुल सा घराना हो
नगरी हो वृन्दावन सी गोकुल सा घराना होचरण हो माधव के जहाँ मेरा ठिकाना होमाँ यशोदा सी मैया हो , दाऊ जैसा भैया होनन्द बाबा की सदा मेरे सर पर छइयां हो।। गउओं की टोली हो ग्वालों का साथ मिलेब्रज की हो गलियां मनमोहक उपवन खिलेंहो त्याग देवकी सा वासुदेव सी शक्ति होउद्धव के जैसे … Read more