मंदिर से दौड़ी चली आऊंगी कोई दिल से पुकारे
मंदिर से दौड़ी चली आऊंगी कोई दिल से पुकारे,पहला संदेसा मेरे राम का आया ,रामा का आया धनुषधारी का आया,सीता का रूप धर आऊंगी कोई दिल से पुकारे।। दूजा संदेसा मेरे विष्णु का आया,विष्णु जी का आया चक्करधारी का आया,लष्मी का रूप धार आऊंगी कोई दिल से पुकारे।। तीजा संदेसा मेरे भोले का आया,भोले का … Read more