माँ आंबे तुम्हे मैं खत लिखती पर पता मुझे माँलूम नहीं
माँ आंबे तुम्हे मैं खत लिखती पर पता मुझे माँलूम नहींदुःख भी लिखती सुख भी लिखती पर पता मुझे मालुम नहीं,माँ आंबे तुम्हे मैं खत लिखती पर पता मुझे माँलूम नहीं।। सूरज से पूछा चंदा से पूछा पूछा टिम टिम तारो से,इन सब ने कहा अम्बर में है पर पता मुझे मालूम नहीं।। फूलो से … Read more