जाऊ पिहर नाथ मैं मेरा पर्वत पे ना लगे जिया
जाऊ पिहर नाथ मैंमेरा पर्वत पे ना लगे जिया।। ओ भोले जी मेरी जानमारन में आई पिया।। रे भंग घोटन का काम तेराफिर कहे नखरे किया करेओ गोरा रे मानने भरकेलोटा भंगिया पीला।। नरम कलाई मोटी हो गयीजुलाम हुआ सर यू भारीकदर तनने मेरी जानी ना तननेसंझावे गोरा प्यारीओ भोले जी तेरी भंग नेमैं काली … Read more