राधा द्वार खोल दे कान्हा से हस बोल दे

राधा द्वार खोल दे कान्हा से हस बोल दे गुमसुम गुमसुम क्यों बैठी हो राधा हमसे क्यों रूठी हो,ओ राधा द्वार खोल दे कान्हा से हस बोल दे, भीर की नथुनी सोहने की प्यालियाँ लेके मैं आया लाल चुनरियाँ,चुनरी में झील मिल लाख सितारे जरा देख ले कितने है प्यारे,राधा राधा कब से पुकारे कब … Read more