ओ श्यामजी हम न भूलाना

ओ श्यामजी हम न भूलानाअपनी शरण में दे दो ठिकाना मैं भटक गया थाकुछ उल्झ गया थामैने देख लिया ये जमानाहमें न भुलानाअपनी शरण में दे दो ठिकानाओ श्यामजी हम न भूलाना तर्ज – हे रामजी बड़ा दुख दीन्हा प्रीत ये दुनिया जाने सारीतू दाता है मैं हूं बेचारी मुझे आना था इधारीमैं से भुला … Read more