ओ त्रिपुरारी ओ गंगाधारी सुनले अपने भक्तो की व्यथा तू सारी
दारुण है दुःख और पीरा है भारीसुनले अपने भक्तो की व्यथा तू सारीओ त्रिपुरारी ओ गंगाधारीसुनले अपने भक्तो की व्यथा तू सारीॐ नमः शिवाये ॐ नमः शिवाये दर पे तेरे आया बांके भिखारीनादा ये सेवक न जग का खिलाडीतेरे चरणों में रह जाऊ अर्जी हमारीअपना लो ठुकरा दो मर्जी तुम्हारीओ त्रिपुरारी ओ गंगाधारीसुनले अपने भक्तो … Read more