ॐ जय श्री श्याम हरे
ॐ जय श्री श्याम हरे,बाबा जय श्री श्याम हरे।खाटू धाम विराजत,अनुपम रूप धरे॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥रतन जड़ित सिंहासन,सिर पर चंवर ढुरे ।तन केसरिया बागो,कुण्डल श्रवण पड़े ॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥ गल पुष्पों की माला,सिर पार मुकुट धरे ।खेवत धूप अग्नि पर,दीपक ज्योति जले ॥ॐ जय श्री श्याम हरे…॥ मोदक खीर चूरमा,सुवरण थाल भरे … Read more