पवनसुत अब तक नहीं आए

ना जाने किसने बहकाये पवनसुत अब तक नहीं आए,रात पल-पल बीती जाए पवनसुत अब तक नहीं आए।। माता की मतिमंद हुई है हमें दिया बनवास,मैंने अपने भेदभाव बिन नहीं छोड़ा बनवास,राम अपना मन समझाये पवनसुत अब तक नहीं आए,ना जाने किसने बहकाये पवनसुत अब तक नहीं आए।। सुनो भ्रात हृदय से लगाओ यु बोले रघुवीर,लक्ष्मण … Read more