जिसे प्रेम नही हो हरी नाम से
जिनकी आवाज़ में हो ना कोई असरजिसे प्रेम नही हो हरी नाम सेमुखड़ा ये भोला भला नही चाहिए खुश होकर सिया ने एक तोहफा दियाअपने हाथो से फ़ौरन वही तोड़ करचीर कर अपना सीना ये बजरंग कहेमुझको मादियो की माला नही चाहिए जिसे प्रेम नही हो हरी नाम सेजिनकी आवाज़ में हो ना कोई असर … Read more