काहे इतराये रे राम भजन कर प्राणी
काहे इतराये रे राम भजन कर प्राणीराम भजन कर प्राणी।। जनम लिया हरी गुण नही गयामात पिता को तूने भुलायामाया में भर माया रेराम भजन कर प्यारे रे।। काहे इतरा रे राम भजन कर प्राणीराम भजन कर प्राणी काहे इतरा रे।। देख ज़रा तू मन के अंदरडोर नही है प्रभु का मंदिरव्यरत में बैर बदाए … Read more