देख करके हालत मेरे राम की सरयू माँ के आँसू बह रहे हैं
देख करके हालत मेरे राम की,सरयू माँ के आँसू बह रहे हैंसूनी हैं गलियाँ अवध धाम की,सरयू माँ के आँसू बह रहे हैं।। कैसा है कलियुग कैसी,कलियुग की माया है,भगवान बेघर हो चलाकरते ज़माने का जो,फ़ैसला उन्हीं का,कोर्ट करेगा फ़ैसलाबात है ये राम के अपमान की,सरयू के आँसू कह रहे।। तम्बू में बैठा है वो,जो … Read more