उलझ मत दिल बहारो में बहारो का भरोसा क्या
उलझ मत दिल बहारो में बहारो का भरोसा क्या,सहारे छूट जाते है सहरो का बरोसा क्या।। तमनाये जो तेरी है फुहारे है वो सवान की,फुहारे है सुक जाती है फुकारो का भरोसा क्या।। दिलासे यो यहाँ के सभी रंगिन नजारे है,नजारे रूसे जाते है नजारों का भरोसा क्या।। इन्ही रंगीन गुबारों पर आरे दिल क्यों … Read more