इच्छाओ का अंत न कोई राम रचा सोही होई
ये भी करलु वो भी करलुघर अपना पैसे से भरलू,ये भी पा लू वो भी पा लूजीवन के हर गीत को गए लू,इच्छाओ का अंत न कोईराम रचा सोही होई।। ऐसा होये वैसा होयेजाने कैसा कैसा होयेमिले सभी कुछ कुछ न खोयेभाग जगा हो कभी न सोये,इच्छाओ का अंत न कोईराम रचा सोही होई।। अतुलित … Read more