प्रथम गणराज को सिमरु जो रिद्धि सिद्धि दाता है

गजाननं भूत गण सेवातमभूत गण आदि सेवाताम्कपित जम्बू फल चारु भाषनम्उमा सुतम शोक विनाश करकरानमामि विघ्नेश्वरम पद पंकजमी।। जो रिधि सीधी दाता हैप्रथम गणराज को सिमरुजो रिद्धि सिद्धि दाता है।। मेरी अरदास सुन देवतू मुश्क छड के आ जानासभा के पागल आकार केसहमारी लाज रख जानकारू विनती मैं झुक उनाकीमन गोरी जिनकी माता हैआगर श्रद्धा … Read more