सइयां तेरे कदमों की धूल बन के रहू
एह सइयां तेरे कदमों की धूल बन के रहूहो जाऊ तुझमे मैं शामिलके तू ही मेरी है मंजिल सुबह शाम तुझमे रहूएह सइयां तेरे कदमों की धूल बन के रहू।। किस्मत की जो रेखा है बोलो किस ने देखा है,केहते है तकदीर इसे तेरी कलम का लेखा है,तेरे बारे में क्या कहू एह साइयां तेरे … Read more