संत रविदास अमृतवाणी दोहावली लिरिक्स
संत रविदास अमृतवाणी दोहावली लिरिक्स Sant Ravidas Amritwani Dohawali Lyrics हरि सा हीरा छांड केकरै आन की आसते नर जमपुर जाहिंगेसत भाषै रविदास जा देखै घिन उपजेनरक कुण्ड में बासप्रेम भक्ति से उद्वरेपरगट जन रैदास ऐसा चाहूँ राज मैं जहाँमिलै सबन को अन्नछोट बड़ो सब सम बसेरैदास रहै प्रसन्न पराधीनता पाप हैजान लेहु रे मीतरैदास … Read more