साथ देदो राम तो शायद सुधर जाएंगे
हम हैं राही भटकते रहे उमर भर,साथ देदो राम तो शायद सुधर जाएंगे,हम हैं राही भटकते रहे उमर भर,साथ देदो राम तो शायद सुधर जाएंगे।। तुमसे बांटी हर व्यथा, तुमसे बांटें अंशु,सीना है ये पत्थर सा पर दिल तो अंदर नाज़ुक,सबको जोड़ गांवों से पर खुद में पूरा टूटा हूं,पन्नो को मैं राख करूं या … Read more