हर तरफ हर जगह हर कहीं पे है उसी का नूर
हर तरफ हर जगह हर कहीं पे है उसी का नूर Har Taraf Har Jagah Har Kahin Pe Hai Usi Ka Noor हर तरफ हर जगहहर कहीं पे है उसी का नूर।। हर तरफ हर जगहहर कहीं पे है उसी का नूर।। रोशिन का कोई दरिया तो हैहा कहीं पे ज़रूर ये आस्मा ये ज़मीनचाँद … Read more