भीगी पलकों तले सेहमी ख्वाइश पले
भीगी पलकों तले सेहमी ख्वाइश पले,मंजिले ला पता श्याम कैसे चले,ऐसे में सँवारे तू बता क्या करेगाहव अब भी हरा जाने कैसे भरे।। देती ही रहती है दर्द ये दिल लगी,जाना अब सांवरे क्या है ये ज़िंदगी,ज़िंदगी वो नदी उच्च लेहरो भरीतैरने का हमे कुछ तजुर्बा नहीं,पहुंचा पानी गले ना किनारे मिले,मंजिले ला पता श्याम … Read more