बात अलग है खाटू वाले श्याम तेरे दरबार की

बात अलग है खाटू वाले,श्याम तेरे दरबार की।। बात अलग है खाटू वाले,श्याम तेरे दरबार की,आदत सी है इन अँखियों को,श्याम तेरे दीदार की।। शीश मुकुट पे मोर की पंखिया,जादूगरी है श्याम तेरी अँखियाँ,चमक अनोखी श्याम तेरे इस,गल वैजन्ती हार की,बात अलग है खाटु वाले,श्याम तेरे दरबार की।। मोरछड़ी जो तेरी लहराए,लगता यूँ चलती हो … Read more