सिया राम तुम्हारे चरणों में यदि प्यार किसी का हो जाए
सिया राम तुम्हारे चरणों में यदि प्यार किसी का हो जाए।दो चारों की तो बात ही क्या संसार उसी का हो जाए।। शबरी ने कहां थे वेद पढ़े गणिका कब यज्ञ कराती थीं।जिसमें छल द्वेष का लेश नहीं ये मुरार उसी का हो जाए।। रावण ने प्रभु से बैर किया अब तक भी जलाया जाता … Read more