भजन जो प्रभुजी का करते रहोगे
कृपा नाथ बेशक मिलेंगे किसी दिनजो सत्संग पथ से गुज़रते रहोगे।। भजन जो प्रभुजी का करते रहोगेतो संसार सागर से तरते रहोगे।। चढ़ोगे नज़र में सभी की सदा तुमजो अभिमान गिरी से उतरते रहोगे।। भजन जो प्रभुजी का करते रहोगेतो संसार सागर से तरते रहोगे।। छलक ही पड़ेगा दया सिंधु का दिलजो द्रिग बिंदु से … Read more