थारी कांई छः मंशा थारे कांई छः विचार

हार गयो जी मैं तो विनती कर केपड़ी नही कान्हा भंकार सुनियो जी माहरा लखदातारथारी कांई छः मंशा थारे कांई छः विचार।। मैं दुखिया चैन न घडी कोथे तो जानो सारी सार सुनियो जी माहरा लखदातारथारी कांई छः मंशा थारे कांई छः विचार।। या से आ भी नाही छानी,छे नही माहरो और आधार सुनियो जी … Read more