तन से मन से अपने भजन से
तन से मन से अपने भजन सेतुमको मैं यूं ही रिझाता रहूँख़ुशी मिले या गमइतना ही चाहे हमखाटू में यूं ही आता रहूँखाटू मैं यू ही आता रहूं।। तुमने जो लायक समझाहमपे ये कृपा करि हैचरणों की सेवा देकरखुशियों से झोली भरी हैनौकरी है तुम्हारीजग में सबसे खरी है।। तन से मन से अपने भजन … Read more