टीका तो री माता धरया री भवन मैं

टीका तो री माता धरया री भवन मैं,बिंदी उलझ गयी बाला मैं हे री अम्बे जगदम्बे माता,सो गई लिपट पहाड़ा मैं हे री अम्बे जगदम्बे माता।। बाली तो री माला धरी ही भवन मैं,झुमके के उलझ गए बाला मैं हे री अम्बे जगदम्बे माता,सो गई लिपट पहाड़ा मैं री अम्बे जगदम्बे माता।। नथली तो री … Read more