थारो राम हृदय माहिं बाहर क्यों भटके
थारो राम हृदय माहिं बाहर क्यों भटके Tharo Ram Hirda Maahi Bahar Kyo Bhatke ज्यों तिल में तेल है,और ज्योँ चकमक में आग,तेरा साईं तुझ मायने,भाई जाग सके तो जाग।मनवा पतडो दूर है,आडी पड़ी है रात,क्या जाणे क्या होवसी,भाई उगतड़े परभात।क्यों भटके, बाहर क्यों भटकें,क्यों भटके, बाहर क्यों भटकेथारों राम हृदय माहिं, बाहर क्यों भटके,क्यों … Read more