तू बुलाता रहे और मैं आता रहूं
तेरे दरबार को यूँ सजाता रहूंतू बुलाता रहे और मैं आता रहूं।। बैठ तस्वीर तेरी के मैं सामने मैं रिझाऊं तुझेकुछ तेरी सुनु कुछ अपनी भी दिल की सुनाऊँ तुझेहाल ए दिल के ज़ख़्म मैं दिखाता रहूंतू बुलाता रहे और मैं आता रहूं।। एक तू ही तो है जो सब जानता क्या है दिल में … Read more