तू छुपी कहा है मइयां है कहा तेरा ठिकाना
तू छुपी कहा है मइयां है कहा तेरा ठिकाना,दर दर भटक रहा है कबसे तेरा दीवाना।। मैं जनता हु तू भी माँ मेरे बिन उदास होगी,तुझसे ढूंढ़ता हु मैं तुझे भी मेरी तलाश होगी,कोई तोड़ न सकेगा रिश्ता है ये पुराण,तू छुपी कहा है मइयां है कहा तेरा ठिकाना।। हर इक साँस दतिये कर दू … Read more