तुम्हारी ही कमी है साँवरे घनश्याम आ जाओ
सजाये बैठे है महफिल,होरही शाम आजाओ,तुम्हारी ही कमी है साँवरे,घनश्याम आ जाओ।। हजारों कोशिशें मैने कि,तुमको बुलाने की,कभी रोकर कभी गा कर,ब्यथा अपनी सुनाने की,मगर अब तक हरेक कोशिश हुई,नाकाम आजाओ,तुम्हारी ही कमी है साँवरे।। हमारे दिल की चाहत को जरा भी,तुम ना गुनते हो,बहुत देरी हुई,क्यूँ नही फरियाद सुनते हो,अगर रूठे हुए हो तो … Read more