याद सतावे श्याम धनी थारी याद सतावे रे
याद सतावे श्याम धनी थारी याद सतावे रे,कब से तेरी बात निहारु क्यों नहीं आवे रे।। बीच भंवर में नैया डोले क्यों नहीं आखा खोलेथारे जैसो नहीं खिवाइयो सेवक थारा बोले,नैना सु असुवन की धरा बेहती जावे रे,कब से तेरी बात निहारु क्यों नहीं आवे रे।। हुई महोबत तुम से कन्हैया मैं किसको समझाऊँ,तेरा मेरा … Read more