तरेंगे वही जिनके मन में हरी है

Hindi Ke Bhajan

तरेंगे वही जिनके मन में हरी है
मन में हरी है मन में हरी है
मुख में हरी है
तरेंगे वही जिनके मन में हरी है
मन में हरी है मुख में हरी है।।

गंगा में नहाने से पापी लोग तरेंगे
मछली क्यों ना तेरे जिसका पानी में ही घर है
तरेंगे वही जिनेक मन में हरी है
मन में हरी है मुख में हरी है।।

फूल चढ़ाने से क्या पापी लोग तरेंगे
भावरा क्यों ना तारा जिसका फूलो में घर है
तरेंगे वही जिनेक मन में हरी है
मन में हरी है मुख में हरी है।।

चन्दन लगाने से पापी लोग तरेंगे
साप क्यों ना तारा जिसका चन्दन में ही घर है
साप क्यों ना तारा जिसका चन्दन में ही घर है
तरेंगे वही जिनेक मन में हरी है
मन में हरी है मन में हरी है।।

तरेंगे वही जिनके मन में हरी है
मन में हरी है मन में हरी है
मुख में हरी है
तरेंगे वही जिनके मन में हरी है
मन में हरी है मुख में हरी है।।

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