तीनों लोकों में भोला के जैसा दूसरा कोई दानी नहीं है

बात सदियों से मशहूर है ज़माने में
एक पल लगता है महादेव को मानाने में
जिसने भोला कहा भर भर के झोली
रखा छुपके नाम भोले ने उस खजाने में ।।

तीनों लोकों में भोला के जैसा
दूसरा कोई दानी नहीं है ।।

कौनसा भक्त है बात जिसकी
मेरे भोले ने मानी नहीं है
तीनों लोकों में भोला के जैसा
दूसरा कोई दानी नहीं है ।।

बात सच्ची है करना ना शंकर
दे दी रावन को सोने की लंका
वेद ग्रंथो में लिखा हुआ है
कोई झूठी कहानी नहीं है
तीनों लोकों में भोला के जैसा
दूसरा कोई दानी नहीं है ।।

फेरी देवो ने जब शिव की माला
दे के अमृत पिया विष का प्याला
किसको भोले ने क्या क्या दिया है
बात कोई छुपानी नहीं है
तीनों लोकों में भोला के जैसा
दूसरा कोई दानी नहीं है ।।

पाप धोने थे सारे जहाँ के
शिव ने गंगा हमे देदी आके
शिव की करुणा भी इसमें मिली है
गंगा अमृत है पानी नहीं है।।

तीनों लोकों में भोला के जैसा
दूसरा कोई दानी नहीं है
कौनसा भक्त है बात जिसकी
मेरे भोले ने मानी नहीं है।।

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