
तेरे बिना श्याम, हमारा नहीं कोई रे
तेरे बिना श्याम, हमारा नहीं कोई रे।।
हमारा नहीं कोई रे, सहारा नहीं कोई रे
तेरे बिना श्याम, हमारा नहीं कोई रे
तेरे बिना श्याम…..
गहरी-गहरी नदियाँ, नाव पुरानी
डूबन लागी नाव बचाया नहीं कोई रे
तेरे बिना श्याम, हमारा नहीं कोई रे
तेरे बिना श्याम…..
अमवा को डाली पर, पिंजरा टँगाया
उड गया सूवा, पढ़ाया नहीं कोई रे
तेरे बिना श्याम, हमारा नहीं कोई रे
तेरे बिना श्याम…..
कहत कबीर सुनो भाई साधो
गुरु बिन ज्ञान, सिखाया नहीं कोई रे
तेरे बिना श्याम हमारा नहीं कोई रे
तेरे बिना श्याम हमारा नहीं कोई रे
तेरे बिना श्याम…..