तेरे प्रेम की है मिली मुझे सौगात है

सांवरिया तेरे प्रेम की सौगात
तेरे प्रेम की है मिली मुझे सौगात है
और किसी से ना बतलाना ये अंदर की बात है।।

जबसे मेरे श्याम सलोने तूने मुझे अपनाया है
मेरा दिल भी बदला सबको
क्या खोया क्या पाया है क्या खोया क्या पाया है
दीन हीन दुनिया को खोकर सारा जगदीना नाथ है
और किसी से ना बतलाना ये अंदर की बात है
तुम और किसी से ना बतलाना ये अंदर की बात है।।

दुःख के दिन जब आये मेरे मैंने तुमको पहचाना
सच्चे मित्र जिस दिन मेरे चारो तरफ का वीराना
अपनी में मुँह मोड़ा तुमने पकड़ा मेरा हाथ है
और किसी से ना बतलाना ये अंदर की बात है।।

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