
तुम याद करो मैया को, माँ दौड़ी आयेगी,
भक्तो की हर उलझन को, पल में सुलझाएगी,
तुम याद करो मैया को, माँ दौड़ी आयेगी।।
वो अपने भक्तों की, रखवाली करती है,
दुःख आने से पहले, दुःख उनके हरती है,
जो सोचा ना हो ऐसा, माँ कर दिखलायेगी,
तुम याद करो मैया को, माँ दौड़ी आयेगी।।
माँ ममता की मूरत है, मैं सबसे कहता हूँ,
घर घर उसके चर्चे, मैं सुनता रहता हूँ,
कन्या के रूप में मईया, हमे मिल ही जायेगी,
तुम याद करो मैया को, माँ दौड़ी आयेगी।।
ये जीवन है छोटा, इसे फूलो से भरले,
कहे महरदास इक बार, कुछ नेकी तो करले,
जो माँ की शरण में आया, खुशियाँ मिल जायेगी,
तुम याद करो मैया को, माँ दौड़ी आयेगी।।