
तुम्हे कैसे मनाऊं हनुमत मै
आजाओ तुम कीर्तन में
आजाओ तुम कीर्तन में ।।
तुम्हे कैसे मनाऊं हनुमत मै
आजाओ तुम कीर्तन में
आजाओ तुम कीर्तन में ।।
जब सीता का हरण हुआ था
तूने पता लगाया पल भर में
आजाओ तुम कीर्तन में।।
तुम्हे कैसे मनाऊं हनुमत मै
आजाओ तुम कीर्तन में
आजाओ तुम कीर्तन में ।।
जब बाली संग हुए लड़ाई
तूने बाली मरवाया पल भर में
आजाओ तुम कीर्तन में
आजाओ तुम कीर्तन में ।।
तुम्हे कैसे मनाऊं हनुमत मै
आजाओ तुम कीर्तन में
आजाओ तुम कीर्तन में ।।
जब लक्ष्मण को बाण लगा था
जब लक्ष्मण को बाण लगा था
तूने पहाड़ उठाया पल भर में
आजाओ तुम कीर्तन में
आजाओ तुम कीर्तन में ।।
तुम्हे कैसे मनाऊं हनुमत मै
आजाओ तुम कीर्तन में
आजाओ तुम कीर्तन में ।।
जब तेरी पूछ में आग लगायी
तूने लंका जलाई पल भर में
आजाओ तुम कीर्तन में
आजाओ तुम कीर्तन में।।
तुम्हे कैसे मनाऊं हनुमत मै
आजाओ तुम कीर्तन में
आजाओ तुम कीर्तन में ।।
जब रावण संग हुए लड़ाई
रावण मारया पल भर में
आजाओ तुम कीर्तन में
आजाओ तुम कीर्तन में।।
तुम्हे कैसे मनाऊं हनुमत मै
आजाओ तुम कीर्तन में
आजाओ तुम कीर्तन में ।।