
उड़ जाएगा हंस अकेला उड़ जायेगा
उड़ जाएगा हंस अकेला उड़ जायेगा।।
उड़ जाएगा हंस अकेला, जग दर्शन का मैला
उड़ जाएगा हंस अकेला, जग दर्शन का मैला।।
छुटेंगे महल अटारी, छूटेगी दुनियादारी
छुटेंगे महल अटारी, छूटेगी दुनियादारी
कुटुंब कबीला छुटे-छुटे, बचपन दिन संग खेला रे
उड़ जाएगा हंस अकेला उड़ जायेगा।।
जैसे पात गिरे तरुवर के, मिलना बहुत दुहेला
जैसे पात गिरे तरुवर के, मिलना बहुत दुहेला
ना जानू या किधर गिरेगा, लगे या पवन का रेला
उड़ जाएगा हंस अकेला उड़ जायेगा।।
जब होवे उमर पूरी, जब छूटेगा हुकुम हजूरी
जब होवे उमर पूरी, जब छूटेगा हुकुम हजूरी
जम के दूत बड़े मजबूत, जम से पड़ा झमेला
उड़ जाएगा हंस अकेला उड़ जायेगा।।
हर के कबीर गुण गावे, वह हर को परा पावे
हर के कबीर गुण गावे, वह हर को परा पावे
गुरु की करनी गुरु जाएगा, चेला की करनी चेला
उड़ जाएगा हंस अकेला उड़ जायेगा।।