ये बस्ती श्याम दीवानों की साथी सबके श्याम है यहां

भजन- साथी सबके श्याम

ये बस्ती श्याम दीवानों की,
यहां हार नहीं अरमानों की,
साथी सबके श्याम है यहां,
करते सबके काम है यहां,

कलयुग के राजा का देखो आंगन ये अलबेला,
श्याम दीवानों का लगता है रोज यहां पर मेला,
ये बस्ती शाम की बस्ती है,
यहां खुशियां रोज़ बरसती है,
साथी सब के….

मन के धागों से बांधों और श्याम से नाता जोड़ो,
श्याम के होकर जी लो दर-दर ठोकर खाना छोड़ो,
सुखचैन है श्याम की राहों में,
यहां भक्त है श्याम निगाहों में,
साथी सब के…

तेरे मंदिर में जलती है जोत भी गजब निराली,
चीर के हर अंधियारे गम के फैलाती खुशहाली,
जहां धूल भी बरकत बन जाती,
किस्मत भक्तों की चमकाती,
साथी सबके श्याम….

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