ये है खाटू जी का दर श्याम बाबाजी का दर

भरोसा है जिनको खाटू वाले पर,
यकीन रखते हैं जो श्याम की दातारी पे,
हार होती नहीं उनकी कभी जमाने में,
ये करिश्मा है खाटू वाले का।।

कोई चिंता ना फिकर श्याम बाबा जी के दर,
कोई चिंता ना फिकर श्याम बाबा जी के दर,

हार जाने से ना डर जो भी करना है तू कर,
नियत है साफ़ ग़र फिर ना अंजाम से डर,
नियत है साफ़ ग़र फिर ना अंजाम से डर।।

ये है बाबाजी का दर श्याम बाबाजी का दर,
ये है खाटू जी का दर श्याम बाबाजी का दर।।

श्याम सरकार का वाक़िया सुनाता हूँ,
बात झूठी नहीं सच्ची तुम्हे सुनाता हूँ,
निभाता साथ है ये कैसे अपने भक्तों का,
खाटू वाले का करिश्मा तुम्हे दिखाता हूँ,
आज दिखलाऊंगा मैं उसकी भक्ति का असर,
ये है बाबाजी का दर श्याम बाबाजी का दर,
ये है खाटू जी का दर श्याम बाबाजी का दर।।

जो भी दरबार बाबा श्याम जी के आया है,
मेरे सरकार ने उसको गले लगाया है,
हार बैठे हैं जो इस बेरहम जमाने से,
उसे हर हाल में दातार ने जिताया है,
वहां पहुचायेगा ये तेरी मंजिल है जिधर,
ये है बाबाजी का दर श्याम बाबाजी का दर,
ये है खाटू जी का दर श्याम बाबाजी का दर।।

एक परिवार बाबा का जो दीवाना था,
श्याम को देवता उनके तुल्य माना था,
उनके परिवार में माता पिता, एक बेटा था,
राजा का नाम छोटा आशियाना था,
लेके डिग्री चला वो, नौकरी को वो मगर,
ये है बाबाजी का दर श्याम बाबाजी का दर,
ये है खाटू जी का दर श्याम बाबाजी का दर।।

उसको लगता था की पढ़ना मेरा बेकार गया,
मिली ना नौकरी वो हार गया हार गया,
हार के लड़का वो बाबा के दर पे आता है,
श्याम से कहता है दातार मैं तो हार गया,
तू ही बतला दे मुझे मेरी मंजिल है किधर,
ये है बाबाजी का दर श्याम बाबाजी का दर,
ये है खाटू जी का दर श्याम बाबाजी का दर।।

श्याम सरकार का एक और भी दीवाना था,
बड़ा धनवान था ऊँचा बड़ा घराना था,
सेठ के साथ में बेटा बहु भी रहते थे,
मगर आपस में नहीं उनका ताना बाना था,
बहु क़ाबू में नहीं उगलता बेटा ज़हर,
ये है बाबाजी का दर श्याम बाबाजी का दर,
ये है खाटू जी का दर श्याम बाबाजी का दर।।

सिंगर – राजू बावरा जी।

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