
Jai Radha Radha Shri Radha Radha Lyrics
जय राधा राधा श्री राधा राधा
बोलो जय राधा राधा श्री राधा राधा
जय राधा राधा श्री राधा राधा ॥
बोलो जय राधा राधा श्री राधा राधा
जय राधा राधा श्री राधा राधा
मेरी राधा मेरी श्यामा ॥
कीर्ति सुता के पग पग में प्रयागराज,
केशव की केलकुंज कोटि कोटि काशी है।
यमुना में जगनाथ रेणुका में रामेश्वर,
दर दर पे पड़े रहें अयोध्या के वासी हैं॥
गोपीन के द्वार द्वार हरिद्वार वसत यहाँ,
बद्री केदारनाथ फिरत दास दासी हैं।
सवर्ग अपवर्ग सुख लेकर हम करें कहाँ,
जानते नहीं हम वृन्दावन वासी हैं ॥
इस टॉप कृष्णा भजन को देखो – दिलकश तेरा नक्शा है सूरत तेरी प्यारी है
एक बार अयोध्या जाओ, दो बार द्वारका
तीन बार जाकर त्रिवेणी में नहाओगे।
चार बार चित्रकूट, नौ बार नासिक में,
बार बार जाकर बद्रीनाथ घूम आओगे॥
कोटि बार काशी केदार जगन्नाथ,
आदि चाहे जहां जाओगे।
होंगे प्रत्यक्ष दर्शन श्री श्याम सुंदर के,
वृंदावन सा कहीं आनन्द नहीं पाओगे॥
सिंगर – हेमंत बृजवासी जी
Jai Radha Radha Shri Radha Radha
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