
चित्रकूट के घाट पर भई संतन की भीड़,
तुलसीदास चन्दन घिसे तिलक करे रघुवीर।।
चित्रकूट के घाट घाट पर भीलनी जोवे बाट,
राम मेरे घर आना, राम मेरे घर आना।।
आसन नही है रामा कहाँ मैं बिठाऊँ,
कहाँ मैं बिठाऊँ रामा,
कहाँ मैं बिठाऊँ,
टूटी पड़ी है खाट,
खाट पे बिछा पुराना टाट,
राम मेरे घर आना, राम मेरे घर आना।।
भोजन नही है रामा क्या मैं जिमाऊ,
क्या मैं जिमाऊ रामा,
क्या मैं जिमाऊ,
ठंडी पड़ी है घाट,
घाट में डालु ठंडी छाछ,
राम मेरे घर आना, राम मेरे घर आना।।
मेवा नही है रामा क्या मैं चढ़ाऊँ,
क्या मैं चढ़ाऊँ रामा,
क्या मैं चढ़ाऊँ,
छोटे बड़े है पेड़,
पेड़ पे लगे हुए है बेर,
राम मेरे घर आना, राम मेरे घर आना।।
झूला नही रामा काहे में झुलाऊँ,
काहे में झुलाऊँ रामा,
काहे में झुलाऊँ,
हरे भरे है पेड़,
पेड़ पर झूले सीताराम,
राम मेरे घर आना, राम मेरे घर आना।।
चित्रकूट के घाट घाट पर भीलनी जोवे बाट।।
Chitrakoot Ke Ghat Par
Bhayi Santan Ki Bheed
Tulsi Das Chandan Ghise
Tilak Kare Raghuveer
Chitrakoot Ke Ghat Par
Bhayi Santan Ki Bheed
Tulsi Das Chandan Ghise
Tilak Kare Raghuveer
Kaha Kaha Chhavi Aapki
Bhale Bane Ho Nath
Tulsi Mastak Tab Nave
Dhanush Baan Lo Haath
Bolo Siya Pati Ram Chandra Ki Jai
Jai Jai Ram Siya Ram Ram Siya Ram
Ram Ram Ram Siya Ram Jai Jai Ram
Ram Siya Ram Siya Ram Jai Jai Ram
Ram Siya Ram Siya Ram Jai Jai Ram
Chitrakoot Ke Ghat Par
Bhayi Santan Ki Bheed
Tulsi Das Chandan Ghise
Tilak Kare Raghuveer